आतंकवादी बेवकूफी में ही मर जाते है|

मौलाना मुसलमानों को जन्नत के नाम पर मुर्ख बनाते है..


इस्लाम बड़ा ही विचित्र धर्म है| एक बात सीधी तौर पर समझे की मुसलमानों की जिंदगी ही मरने के बाद शुरू होती है| यदि कोई मुस्लिम अल्लाह के मार्ग पर चलते हुए मृत्यु को प्राप्त होता है, तो अल्लाह उनको जन्नत में स्थान देते है| उनके खिदमद में 72 हुरे पेश की जाती है| वहा जन्नत में नहीं उनके चेहरे पर कालापन छायेगा न हीं उनका अपमान होगा quran[10:26] उन्हें रोगों का भी भय नहीं होगा| हूर के बारे में हम आगे विस्तार से बात करेंगे|


प्रमुख बात तो ये है अधिकतर मुस्लिम अनपढ़ होते है,और जो पढ़े लिखे भी होते है,फिर भी वो क़ुरान की बकवास बातो में विश्वास करते है| मतलब आप समझ सकते है,की जब वो क़ुरान पढ़ते है, तो दिमाग बंद कर लेते है|




1 क़ुरान में मुसलमानों को खूब डराया गया है:-

प्रमाण:- quran[52:1],[52:2],[52:3],[52:4],[52:5],[52:6],[52:7]

  अल्लाह शपथ लेते है- तुर की, लिखी हुई किताब(क़ुरान) की, विस्तृत पन्नो की और उबलते हुए समुद्र की [52:7] निःसंदेह तुम्हारे पालनहार की यातना घटित होगी|
अल्लाह काफिरों और ईमान न लाने वालो के अंजाम के बारे में कहते है:-

प्रमाण:- quran[52:11],[52:12],[52;13],[52;14]

  तो विनाश है,उस दिन झुठलाने वालो(अवज्ञाकारी) के लिए, जो बाते बनाते है खेलते हुए, जिस दिन वह नरक की आग की ओर धकेले जायेंगे, यह है वह आग जिसको तूम झुठलाते हो|

यहाँ अल्लाह दोज़ख(नरक की आग) का भय दीखाते हुए काफिरों को डरा रहे है|

प्रमाण:- quran[9:123]

ऐ इमानवालोइन अवज्ञाकारीयो से युद्ध करोजो तुम्हारे आस पास है और चाहिए की वो तुमसे सख्ती पाए और जान लो अल्लाह डरनेवालो के साथ है|

अल्लाह ने कई बार क़ुरान में ये बात कही है,कि अल्लाह डरने वालो के साथ है| काफिरों का भोजन पापी होगा, उसे तेल में उबाला जायेगा उसे पकड कर घसीटते हुए नरक के मध्य में ले जाया जायेगा और फिर उसके सर पर खौलते पानी की यातना उड़ेल दी जाएगी| काफिरों का बस इतना गुनाह है, की उसने इस्लाम में जन्म नहीं लिया या इस्लाम धर्म स्वीकार नहीं किया|

2 मृत्यु के बाद जन्नत का मोह-

उनको जन्म से ही एक ही बात इतनी बार कह दी जाती है, की उनको इसपर विश्वास हो जाता है| रोज मस्जिदों में गैर इस्लामिक लोगो के खिलाफ जहर भरना| उनको बचपन से ही इसके लिए धीरे धीरे तैयार किया जाता है|

यदि तू अल्लाह के मार्ग(जिहाद) लड़ते हुए मर जायेगा तो अल्लाह तुझे जन्नत नशीब करेगा| जन्नत पृथ्वी के जीवन से कही जादा उतम है, और वहा तुम्हे सारी सुख सुविधा मिलेगी| तुम्हारे मौज के लिए 72 हूरे(कुवारी कन्या) होंगी| जबकि जो मौलाना मुसलमानों को भड़का कर जिहाद करने के लिए उकसाते है और मौत के घाट उतार देते है| उनके खुद के बच्चे अमेरिका में पढ़ते है|

प्रमाण:- quran[44:52],[44:53],[44:54],[44:55],

   बागा और स्रोतों में(52),वह बारीक रेशम और मोटे रेशम के वस्त्र पहने हुए आमने सामने बैठे होंगे|(53),यह बात इसी प्रकार है,और हम उनसे विवाह कर देंगे हुरे बड़ी बड़ी आँखों वाली|(54), वह उसमे मांगेगे प्रत्येक प्रकार के फल अत्यंत निश्तित्ता के साथ|(55)

यहाँ अल्लाह कह रहे की हम उन हूरो के साथ तुम्हारा विवाह कर देंगे|

प्रमाण:- quran[52:20],

 तकिया लगाये हुए पंक्तिबध्द तख्तो के ऊपर| और हम(अल्लाह) बड़ी बड़ी आँखों वाली हूरो से उनका विवाह कर देंगे|


प्रमाण:- quran[55:72], quran[55:74], quran[55:76]

हुरे खेमो में रहने वालिया(72),उनसे पहले न उसे किसी मनुष्य ने हाथ लगाया होगा और न किसी जिन्न ने|(74),तकिया लगाये हरे मनपसंद पर और मूल्यवान उत्कृष्ट बिछौने पर|(76)

यहाँ अल्लाह खुद कह रहे की हूर को तुमसे पहले न किसी मनुष्य ने हाथ लगाया होगा न किसी जिन्न ने,


तो आप खुद सोचिये जब इतना आनंद मरने के बाद मिलता है| तो वो जिहाद करते हुए क्यों न मरे| इसीलिए उन्हें डर नहीं होता| वो कभी अमेरिका में जाके फटते है तो कभी श्रीलंका में जाके| और वह कहते की वह अल्लाह के मार्ग में शहीद हुए है|
और ये जिहाद तब तक खत्म नहीं होगा जब तक पूरी दुनिया में इस्लाम कायम न हो जाये|

प्रमाण :- Quran[2:216] 

        " तुम पर जंग फर्ज की गई और वह तुम्हे नागवार है,और मुमकिन है की तुम एक चीज नापसंद करो, और वह तुम्हारे लिए बेहतर हो, और मुमकिन है की तुम एक चीज पसंद करो और वह तुम्हारे लिय बुरी हो, और अल्लाह जानता है, और तुम नहीं जानते "

तो यहाँ अल्लाह ने मुसलमानों के उपर युद्ध को अनिवार्य कर दिया मतलब तुम चाहो या न चाहो तुम्हे युद्ध करना पड़ेगा, तुम्हे जिहाद करना पड़ेगा नहीं तो तुम्हारी गिनती मुनाफिको में आयेगी| 
अर्थात काफिरों के खिलाफ जंग मुसलमानों का एक कर्तव्य(duty) है| 
 

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