SWAMI KARPATRI MAHARAJ
HH Karpatri Maharaj Ji/Hari Narayan Ojha was born spiritual, to pursue an eternal journey.
He was forcefully married at the age of 9 to Mahadevi Ji, who was even younger.
He was again forced to have a daughter. At the age of 17, he left them both to start his Political Journey.
(BOOK- Sri Karpatri Ji Sankshipt Jeevani Vedanti Swami Ji)
करपात्री का सर्व धर्म संभोग (secular karpatri)👇👇👇
करपात्री का स्त्रियों के बारे में विचार 👇👇👇
आगे करपात्रीजी कहते हैं, कि स्त्रियों को बिना अपने किसी घर के संबंधी के बाहर आने जाने नहीं देना चाहिए, जैसा कि सऊदी अरब में होता है। बाहर के व्यक्तियों से स्त्रियों का बोलना सर्वथा असंभव है। यानी वो किसी से बात नहीं कर सकती है। ऐसी अवस्था में यदि अपने ही घर के संबंधियों के साथ व्यभिचार कर लें, वो ठीक है। लेकिन बाहर वालो के साथ दूसरी जाति में करना गलत है।
स्त्रियों में मासिक धर्म शुरू होने के बाद उसके मन में विकार उत्पन्न हो जाते हैं।वो किसी दूसरे पुरुष के साथ गलत कार्य कर सकती है। उसके अंदर लस्ट बढ़ जाता है| इसीलिए स्त्रियों का विवाह रजस्वला से पूर्व अर्थात 10 से 11 वर्ष की अवस्था में कर देनी चाहिए। book- (Marksavada aur Ramarajya, p222,223)
करपात्री का विज्ञान 👇👇👇
(yajurved{3.6}comentry by karpatri, p127,128)
करपात्री जी अपने यजुर्वेद के भाष्य में विज्ञान को बताते हुए कहते हैं, कि पृथ्वी रुकी हुई है। सूरज उसके चारों ओर चक्कर लगाता है, और वो ये भी कहते हैं कि ऋषि दयानंद जी ने जो अर्थ किया है कि सूर्य रुका हुआ है, पृथ्वी भ्रमण करती हैं, वो गलत है।
ठरक सम्राट करपात्री 👇👇👇
book- (ज्यूं था त्यूं ठहराया by osho, p45) |
करपात्रीजी के अनुसार आदि शंकराचार्य जातिवादी थे 👇👇👇
(BOOK- vichar piyush, p190)
जिन आर्य समाजियों को ये अद्वैत वादी गाली देते है। जिस आर्यसमाज के बारे में केवल बुरा ही करपात्री ने अपनी किताबों में लिखा है। गौ हत्या के विरुद्ध आन्दोलन में उसी आर्य समाज ने उनका साथ दिया था। कहा जाता है कि इन्होंने अकेले ही कर लिया, जबकि आर्य समाज से लेकर के अन्य 20 संप्रदाय के लोग इनका साथ देने के लिए आए थे। करपात्री सबका श्रेय खुद ही लेते है| जिनका साथ लेते है उन्हें ही गालिया देते है ऐसे कृतघ्न व्यक्ति है, हमारे करपात्री जी
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